बिहार सरकार ने राज्य के हर गांव और पंचायत में रोशनी लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत राज्य में कुल 11 लाख 75 हजार सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी, जिससे गांव की गलियां और सड़कों पर अंधेरा दूर होगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
योजना का परिचय:
मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत हर जिले के गांवों और पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी, जिससे गांवों में रोशनी की कमी को दूर किया जा सके। सरकार ने इस योजना को 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करके शुरू किया है। राज्य में अब तक 1,100 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की गई है, जिसमें से कुछ हिस्सा सोलर लाइट्स की स्थापना के लिए उपयोग किया गया है।
योजना की विशेषताएं:
- बिहार के हर गांव और पंचायत में सितंबर 2024 तक 11 लाख 75 हजार सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी।
- योजना के तहत स्थापित सोलर लाइट्स की मॉनिटरिंग के लिए रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम का प्रावधान किया गया है।
- पटना, गया, मुजफ्फरपुर और नालंदा में सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जो लाइट्स की स्थिति पर नजर रखेगा।
- किसी भी वार्ड में सोलर लाइट खराब होने पर उसे 72 घंटे के भीतर ठीक कर दिया जाएगा।
योजना के लाभ:
इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रात के समय में रोशनी की कमी से होने वाली समस्याएं समाप्त होंगी। रात में सड़कों पर आने-जाने में हो रही कठिनाइयों का समाधान होगा, जिससे सुरक्षा और सुविधा में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही, सोलर लाइट्स का उपयोग पर्यावरण के लिए भी अनुकूल रहेगा, क्योंकि ये ऊर्जा स्रोत पूरी तरह से नवीकरणीय हैं और बिजली के बजट को भी कम करेंगे।
पंचायती राज मंत्री का बयान:
पंचायती राज मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता ने इस योजना की सराहना करते हुए बताया कि यह योजना बिहार के हर गांव और पंचायत को रोशन करने का प्रयास है। उन्होंने जिला अधिकारियों को योजना की तेजी से क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत राज्य के 1,09,000 वार्डों में 11 लाख 75 हजार सोलर लाइटें स्थापित की जाएंगी।
योजना के प्रभाव:
सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना से न केवल बिहार के गांवों में रोशनी आएगी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सोलर लाइट्स की स्थापना और रखरखाव के कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, सोलर लाइट्स के माध्यम से बिजली की खपत कम होगी, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतों में भी कमी आएगी।
योजना की मॉनिटरिंग:
सरकार ने इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए रिमोट सिस्टम का प्रावधान किया है, जो सोलर लाइट्स की स्थिति पर नजर रखेगा। इसके तहत किसी भी खराब लाइट को 72 घंटे के भीतर ठीक करने की जिम्मेदारी होगी। यह मॉनिटरिंग सिस्टम पटना, गया, मुजफ्फरपुर और नालंदा में स्थापित किया गया है, जो पूरे राज्य में सोलर लाइट्स के संचालन को सुनिश्चित करेगा।